गिलोय,Giloy जिसे अंग्रेजी में ‘टिनोसपोरा कोर्डिफोलिया’ Tinospora cordifolia और संस्कृत में ‘अमृता’ के नाम से जाना जाता है, भारतीय घरेलू चिकित्सा में एक बहुत महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। इस पौधे के पत्ते और तने का उपयोग आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है और इसमें कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
गिलोय के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं :
- इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक ( Improve Immunity ) : गिलोय शक्तिशाली रूप से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे शरीर को संक्रमणों से लड़ने की क्षमता मिलती है।
- शोधक – पुरिफायर ( Purifier ): गिलोय शरीर के विषैले पदार्थों को नष्ट करने में मदद करता है और खून को शुद्ध करता है, जिससे त्वचा को स्वच्छ और ताजगी प्रदान की जाती है।
- डायबिटीज का नियंत्रण ( Control Diabetes ) : गिलोय का उपयोग डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि यह शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है।
- गठिया और अर्थराइटिस के इलाज में सहायक ( Arthiritis ): गिलोय के प्रयोग से जोड़ों के दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है और गठिया और अर्थराइटिस जैसी ख़तरनाक बीमारियों को भी दूर किया जा सकता है।
- त्वचा के लिए लाभकारी ( Skin treatment ) : गिलोय में आंशिक्ट गुणों के कारण, यह त्वचा को स्वच्छ, चमकदार और चमकीला बनाने में मदद करता है।
- पेट संबंधी समस्याओं का इलाज (Stomach ) : गिलोय का उपयोग पेट से संबंधित समस्याओं जैसे अपच, गैस, एसिडिटी आदि के इलाज में किया जा सकता है।
- ताजगी और ऊर्जा का स्रोत: गिलोय शरीर में ताजगी और ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे दिनभर के काम करने में आसानी होती है।
यहां उल्लेखित फायदों के अलावा भी गिलोय में अनेक और गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। इसलिए, गिलोय को नियमित रूप से सेवन करके एक स्वस्थ और फिट जीवन जीना अच्छा होता है। हालांकि, किसी भी नई चिकित्सा या पौधे का सेवन से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना अच्छा रहता है।