क्या आप जानते हैं -हमारा मस्तिष्क कैसे कार्य करता है ? Brain – The BOSS of your BRAIN

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आपको अपने घर का रास्ता कैसे याद रहता है?स्वतः आपकी पलकें कैसे झपकती हैं?कैसे आप चलने के लिए के लिए सोचते हैं और चल पड़ते हैं?सपने कहां से आते हैं?इन सभी कार्यां को अंजाम देने वाला छुपा रुस्तम है, आपका ‘मस्तिष्क‘। मस्तिष्क आपके सभी ऐच्छिक (जिसके लिए आप सोचते हो) और अनैच्छिक ( जिसके आप को सोचने की आवश्यकता नहीं होती) गतिविधियों का नियंत्रण करती है। यह जो कहता है वही आप करते हैं। दरअसल इसकी मर्जी के बिना आप कोई भी हरकत नहीं कर सकते। यह उस समय भी सक्रिय रहता है जब आप सो रहे होते हैं। तो ये कहना गलत नहीं होगा कि आपका मस्तिष्क आपके शरीर का बॉस है।


यह दिखने में गंदा सा और उबड़-खाबड़ स्पंज के जैसा दिखता है।
मस्तिष्क के अलग-अलग कई भाग होते हैं जो एक दूसरे से मिलजुल कर काम करते हैं। हम लोग पांच भागों के बारे में बात करेंगे जो मस्तिष्क को एक सफल बॉस बनाता है।
सेरेब्रम ( cerebrum ) या वृहत् मस्तिष्क या प्रमस्तिष्क
सेरेबेलम (cerebellum ) या लघु मस्तिष्क
ब्रेन स्टेम ( brain stem ) या मस्तिश्क स्तम्भ
पिट्यूटरी ग्लैंड ( pituitary gland ) या पीयूष ग्रंथि
हाइपोथैलेमस ( hypothalamus )

सेरेब्रम : मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग
मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग सेरेब्रम या प्रमस्तिष्क होता है जो मस्तिष्क के कुल वजन का 85 प्रतिशत होता है। यह आपके मस्तिष्क का सोचने वाला भाग है जो आपकी ऐच्छिक मांसपेशियों का नियंत्रण करता है। आपकी सभी गतियां इसके द्वारा संचालित होती हैं। इसलिए बिना प्रमस्तिष्क के आप न तो नाच सकते हैं और न ही क्रिकेट खेल सकते हैं।
जब आप गहन चिंतन करते हैं तब आप मस्तिष्क के इसी भाग का उपयोग करते हैं। गणित के सवाल हल करने, वीडियो गेम खेलने और चित्रकारी करने के लिए आपको इसकी आवश्यकता पड़ती है। आपकी दोनों प्रकार की स्मृतियां ( यादें ) इसी में रहती हैं – अल्प कालिक स्मृति (आप कल किससे मिले थे ) और दीर्घ कालिक स्मृति ( साइकिल सीखने के क्रम में जब आप गिरे थे )। ये आपको योजना निर्माण करने में भी मदद करता है- जैसे ही आपको पता चलता है कि शाम को क्रिकेट मैच होने वाला है तो आप पहले ही अपना होम वर्क कर लेते हैं।


सेरेब्रम दो भागो में बंटा होता है- बांया गोलार्ध और दांया गोलार्ध । कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि मस्तिष्क का दांया गोलार्ध संगित, रंग, आड्डति जैसे भावात्मक चिंतन में सहायता करता है जबकि बांया गोलार्ध विश्लेषणात्मक कार्या में जैसे गणित के सवाल हल करना, तर्कणा, योजना निर्माण, तथा भाषण ( बोली ) आदि में। बांया गोलार्ध, शरीर के दांये भाग का तथा दांया गोलार्ध शरीर के बांये भाग का नियंत्रण करता है।


सेरेबेलम : शरीर का संतोलक
मस्तिष्क का दूसरा महत्वपूर्ण भाग है, सेरेबेलम या लघुमस्तिष्क। सेरेबेलम, मस्तिष्क के पीछे तथा सेरेब्रम के नीचे होता है। ये आकार में सेरेब्रम से बहुत छोटा (करीब आठवां भाग) होता है । यह शरीर-संतुलन, गति और समन्वय जैसे कार्यों का नियंत्रण करता है। आप सीधे खड़े रहते हैं तथा दौड़ते समय गिरते नही हैं तो सिर्फ इसी सेरेबेलम के कारण। सर्कस में आपने रस्सी के उपर चलने वाला करतब तो देखा होगा। इस तरह का करतब, कलाबाज सेरेबेलम के कारण ही कर पाता है।

मस्तिष्क स्तंभ : प्रबंधक
ब्रेन-स्टेम (मस्तिष्क स्तंभ) अन्य भाग के मुकाबले छोटा होता है। यह सेरेब्रम के नीचे तथा सेरेबेलम के आगे होता है। यह मेरुरज्जू ( मेरुदंड) का बढ़ा हुआ भाग है जिससे मस्तिष्क के सभी हिस्से जुडे़ रहते हैं। यह श्वसन क्रिया, पाचन क्रिया, रक्त संचार जैसी जीवित रखने वाली सभी क्रियाओं का निष्पादन करता है। यह आपकी अनैच्छिक मांसपेशियों का भी नियंत्रण करता है। ऐसी मांसपेशियां जो स्वतः ही कार्य करती हैं जिसके लिए आप को सोचना नहीं पड़ता। दिल और पेट की मांसपेशियां अनैच्छिक होती हैं और जब आप दौड़ रहे होते हैं तो ब्रेनस्टेम दिल की मांसपेशियों को आदेश देता है कि ज्यादा खून पंप करो। इसी के आदेश पर ही पेट की मांसपेशियां पाचन क्रिया शुरु करती हैं।मस्तिष्क से प्राप्त सूचनाओं को संबंधित अंगों तक पहुंचाना तथा अंगों से आने वाली संवेदी-सूचनाओं को मस्तिष्क के अलग अलग भागों तक पहुंचाने का काम भी यही करता है। एक अच्छे प्रबंधक की तरह शरीर के भीतर सभी कार्यो का प्रबंधन यह स्वयमेव करता रहता है।


पीयूष ग्रंथि : शरीर का विकास अधिकारी
शरीर के विकास अधिकारी के रुप इसका कार्य महत्वपूर्ण है। यह मस्तिष्क का सबसे छोटा हिस्सा है जो मटर के दाने के बराबर होता है। इसका काम हारमोनों का समयानुसार उत्पादन और स्राव करना है। ये विशेष प्रकार के हारमोन का स्राव करता है जो आपके संवृ( में सहायक होता है। किशोरावस्था के महत्वपूर्ण बदलावों में इसकी अहम भूमिका होती है। इसके बिना आप कभी बड़े नहीं हो सकते। यह छोटी सी ग्रंथि और भी कई हारमोनों का स्राव करती है। जैसे शक्कर और पानी की मात्रा का नियंत्रण करने वाला हारमोन। यह हमारे शरीर के मेटाबोलिज्म क्रिया को चालू रखने में भी मदद करता है। हमें जिन्दा रखने के लिए जो भी क्रिया हमारे शरीर में चलती रहती है वो मेटाबोलिज्म कहलाती है जैसे – श्वसन, पाचन, रक्त परिसंचरण आदि।


हाइपोथैलेमस : शरीर का ताप नियंत्रक
हाइपोथैलमस हमारे शरीर का ताप नियंत्रक है। इसे पता होता है कि आपके शरीर का तापमान कितना होना चाहिए। यदि हमारा शरीर गर्म हो जाए तो यह पसीना निकालने को कहता है, और यदि ठंडा हो तो मांसपेशियों को कांपने को कहता है। पसीना आना और कांपना दोनों शरीर के ताप को पुनः सामान्य स्थिति में लाने की क्रिया है।सारांश यह है कि शरीर की हरेक गतिविधि आपके मस्तिष्क के निर्देशन में होती है। एक बाॅस की तरह शरीर इसके आदेशों का पालन करता है। पर यह खुद कुछ नहीं कर सकता। इसे क्रियाशील बनाने के लिए कुछ नर्वस् ( तंतुओं ) की भी आवश्यकता होती है। जो शरीर के विभिन्न अंगों द्वारा महसूस की गई संवेदी-सूचनाओं को मस्तिष्क तक तथा मस्तिष्क के आदेशों को शरीर के विभिन्न हिस्से तक पहुँचती हैं।

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