कहानी – भूतिया हवेली का रहस्य

0
576

पुराने शहर में एक भूतिया हवेली थी, जिसे लोगों ने अजीब और रहस्यमय भाव से देखा था। वहां के लोग इस हवेली से डरते थे और किसी को भी उसे रात में पास से गुजरने की हिम्मत नहीं होती थी। एक बार इस भूतिया हवेली की रहस्यमयी दुनिया में कुछ खुदाई करते समय, एक खुदाईवाले ने भूतिया पुस्तक खोजी। जिसमें एक रहस्यमय दास्तान लिखी थी।

पुस्तक के अनुसार, यह हवेली सालों पहले एक सम्राट के प्रिय सेवक की रहती थी। सम्राट ने उस सेवक को बड़ा उपहार देने का फैसला किया और उसे एक शानदार बंगला दिया। लेकिन उस बंगले में रहकर भी सेवक को शांति नहीं मिली। रोज रात को उसे वहां अजीब आवाज़ें सुनाई देती थी, और उसे कुछ दिखाई भी देता था जो अन्य किसी को नहीं दिखता था। सेवक ने भयभीत होकर बंगले के बारे में सम्राट से कहा, लेकिन सम्राट ने उसकी बातों को नजरअंदाज़ कर दिया।

एक दिन, उसे एक बुजुर्ग व्यक्ति मिला जिसे भूत-प्रेतों का ज्ञान था। वह व्यक्ति सेवक की मदद करने को तैयार था। उसने सेवक को रहस्यमयी तरीके से बंगले के अंदर ले जाया और एक चिट्ठी दी। चिट्ठी में लिखा था, “इस हवेली के अंदर छिपे हुए राजा का खजाना तुम्हारे सामने है। तुम उसे पा सकते हो, लेकिन इसके लिए तुम्हें अपने भय से लड़ना होगा।”

सेवक ने चिट्ठी को पढ़कर राजा का खजाना ढूंढना शुरू किया। वह हर कमरे को खोजता रहा, लेकिन कुछ नहीं मिला। रात के आखिरी क्षण में, वह एक खिलौना घूमते हुए कमरे में पहुंचा। उसने खिलौने को हटाया और वहां एक छिपा हुआ राजा का खजाना मिला। वह धन्यवाद देने के लिए उस व्यक्ति को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वह गायब हो गए। सेवक ने दिल से आभार प्रकट किया और उस भूतिया हवेली से बाहर निकल आया।

वह दिन बदल गया था सेवक के लिए। उसने राजा को खजाने के बारे में बताया और सम्राट ने उसे अपनी उपाधि और सम्मान से नवाजा। भूतिया हवेली का रहस्य खुल गया और उस जगह को बंद कर दिया गया। सेवक का यह साहसी कारनामा सबके दिलों में एक खास स्थान बना लिया और उसे उस दिन से भयंकर रूप से सम्मानित किया गया। उस भूतिया हवेली के रहस्यमयी पुस्तक की चिट्ठी आज भी उस सम्राट के संग्रहालय में रखी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here