वास्तुकला Architecture, जो विज्ञान और कला का एक सम्मिलन है, भविष्य में बहुत रोशनी और उजाला भरेगी। यह एक क्षेत्र है जो मानवीय संसाधनों को सुंदर और उपयुक्त बनाने के लिए समर्पित है। वास्तुकला कोर्स उन विद्यार्थियों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो सर्जनशीलता और रचनात्मकता के साथ योग्यता प्राप्त करना चाहते हैं। इसलिए, आइए जानते हैं कि भविष्य में वास्तुकला कोर्स का संभावित मार्ग क्या है और भारत और विदेश में इसे कैसे किया जा सकता है।
वास्तुकला कोर्स का भविष्य:
वास्तुकला का कोर्स Architecture Course भविष्य में बेहद रोशनीमय है। ग्लोबल वातावरण में बदलती हुई आवश्यकताओं के साथ, वास्तुकला के क्षेत्र में नई तकनीकें और सृजनशील धारणाएं विकसित हो रही हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, समुदाय केंद्रित डिजाइन, पर्यावरणीय स्थायित्व, और ऊर्जा संरक्षण के लिए वास्तुकला के विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है। इसलिए, भविष्य में वास्तुकला कोर्स करने वाले छात्र बड़े से बड़े और महत्वपूर्ण परियोजनाओं में नई दिशा देने के लिए तैयार होंगे।
भारत में वास्तुकला कोर्स कैसे करें:
आर्किटेक्चर कोर्स में चार साल की स्नातक डिग्री B.Arch. , तद्पश्चात परास्नातक डिग्री M.Arch. प्राप्त की जा सकती है।भारत में वास्तुकला कोर्स करने के लिए कई उच्च शिक्षा संस्थान और विश्वविद्यालय हैं जो इसकी विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NITs), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs), स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA), और अन्य सरकारी और निजी संस्थानों से वास्तुकला कोर्स कर सकते हैं। आपको वास्तुकला के क्षेत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्स के विकल्प मिलेंगे। आपको आवेदन करने से पहले संबंधित संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया और पाठ्यक्रम की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
विदेश में वास्तुकला कोर्स कैसे करें:
विदेश में वास्तुकला कोर्स करने के लिए भी कई विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं जो इस विषय में पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। ऐसे देशों में जैसे कि अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, और न्यूजीलैंड में विदेशी विश्वविद्यालय और कॉलेज में वास्तुकला कोर्स करने का अवसर है। वहां आपको संबंधित विद्यार्थी वीजा (फ़ै1 वीजा) के लिए आवेदन करना होगा जिसके लिए आपको विदेशी विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रक्रिया का पालन करना होगा। आपको संबंधित देशों की भाषा में विशेषता भाषा का ज्ञान होना भी लाभप्रद हो सकता है।
आवश्यक अहर्ता – स्नातक डिग्री के लिए जरूरी अर्हता आपको 10 +2 (इंटरमीडिएट) की परीक्षा किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड CBSE , ICSE या राज्य बोर्ड से 50% न्यूनतम अंकों के साथ विज्ञान विषय में(फिजिक्स, कैमेस्ट्री तथा गणित अनिवार्य ) पास होना होता है। इसके साथ सबसे महत्वपूर्ण आपको प्रवेश परीक्षा में उत्र्तीण होना होता है। यह कोर्स सबसे अच्छा कोर्स माना जाता है। जिसके लिए आपको JEE एडवांस परीक्षा में एक ऊँची रैंक लाना आवश्यक है। कुछ प्राइवेट राज्य स्तर के काॅलेज अपनी प्रवेश परीक्षा अलग से करवाते हैं।
प्रवेश परीक्षा – सामान्यतया प्रवेश परीक्षा में गणित का पेपर होता है लेकिन महत्वपूर्ण परीक्षा ड्राॅइंग की होती है। आपको ड्राॅइंग स्किल्स में पारंगत होना अति आवश्यक है। ड्राॅईंग की परीक्षा का प्रारूप नेशनल इंस्टियूट आॅॅफ एडवांस स्टडीज इन आर्किटेक्चर द्वारा काउंसिल आॅॅफ आर्किटेक्चर के साथ मिलकर प्रतिपादित किया जाता है। ‘काउंसिल आॅफ अर्किटेक्चर’ एक सरकारी आॅर्गनाइजेशन है जो कि भारत में अर्किटेक्चर की शिक्षा तथा प्रोफेशन के लिए नियम तथा शर्तों के बनाता तथा लागू करता है। किसी भी छात्र को ठण्।तबी के कोर्स में प्रवेश पाने के लिए गणित के साथ-साथ ड्राॅईंग प्रवेश परीक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन करना होता है।
अवसर – एक अच्छे आर्किटेक्ट की आज हर जगह माँग है। विनिर्माण के क्षेत्र में देश में आज सैकड़ों सरकारी तथा गैरसरकारी कम्पनियाँ हैं। इसके अतिरिक्त सरकारी विभागों में अनेकों जगह इस तरह के आर्किटेक्टों की आवश्यकता हमेशा ही होती है। नयी,पुरानी बिल्ंिडगों के रखरखाव तथा अन्य क्षेत्रों जैसे रोड, ट्रान्सपोर्ट, हवाई पट्टियों, स्टेडियमों तथा सभी तरह के क्षेत्रों में एक अच्छी नौकरी मिल जाती है। वास्तुकला कोर्स भविष्य में उन छात्रों के लिए एक शानदार करियर ऑप्शन है जो सृजनशीलता और रचनात्मकता के शौकीन होते हैं। भारत और विदेश में इस कोर्स को करने के विभिन्न अवसर हैं, जिन्हें पहचानकर छात्र अपने शौक को अपार सफलता और समृद्धि की ओर ले जा सकते हैं।
Image Source : Google