साधारण नमक में आयोडीन Iodine स्रोत के रुप में आयोडीन युक्त नमक की थोड़ी सी परन्तु जरुरी मात्रा का मिश्रण होता है। आयोडीन एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है जो मानवीय वृद्धि एवं विकास के लिए औसत 100 से 150 माइक्रोग्राम (माइक्रोग्राम, 1 ग्राम का दस लाखवां भाग होता है ) प्रतिदिन आवश्यक होता है। आयोडीन की कमी से शारीरिक एवं मानसिक अपंगता, गर्भपात, मृतप्रसव, बधिरमूकता, भेंगापन और विभिन्न तरह के घेंघा बीमारियां होती हैं। बहुत सारे देशों में आयोडीन की कमी एक बड़ी जन-स्वास्थ्य समस्या है जिसका सस्ता समाधान नमक का आयोडीनी- करण है।
कई क्षेत्रों में आयोडीन Iodine प्राकृतिक रुप से आहार आपूर्ति उपस्थित होता है फिर भी जिस क्षेत्र की मिट्टी में आयोडीन का प्राड्डतिक स्तर कम होता है वहां की वनस्पतियों के द्वारा आयोडीन ग्रहण नहीं हो पाता है इसलिए आयोडीन की थोड़ी पर मानव के लिए जरुरी मात्रा नमक में मिलाई जाती है। साधारण नमक में पोटेशियम आयोडेट की थोड़ी सी मात्रा को छिड़ककर आयोडीनीड्डत किया जा सकता है। 60 मि0ली0 पोटेशियम आयोडेट की कीमत लगभग 57 रुपये होती है। जिससे लगभग 1 टन नमक का आयोडीनीकरण किया जाता है। आयोडीन आम लोगों तक पहुंचाने के लिए नमक एक प्रभावी माध्यम है क्योंकि यह खराब नहीं होता और समाज के प्रत्येक वर्ग के द्वारा उपभोग किया जाता है।
आयोडीन की कमी Iodine Deficiency से क्या होता है?
आयोडीन Iodine हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यह विभिन्न शरीरिक क्रियाओं को सही ढंग से संचालित करने में मदद करता है, खासकर थायरॉयड ग्लैंड के काम के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन कई बार हमारा आहार ऐसा नहीं होता जिसमें पर्याप्त मात्रा में आयोडीन हो, जिससे आयोडीन की कमी हो जाती है। आइए जानते हैं कि आयोडीन की कमी से हमारे शरीर को कैसे प्रभावित किया जा सकता है।
थायरॉयड ग्लैंड शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो आयोडीन का उपयोग करके थायरॉक्सीन और त्रियोदोथायरोनिन जैसे हार्मोन को उत्पन्न करता है। ये हार्मोन शरीर की ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित करते हैं, बॉडी तापमान को संतुलित रखते हैं, और मानसिक स्वास्थ्य को भी सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए, जब आयोडीन की कमी होती है, तो थायरॉयड ग्लैंड के संचार में बाधा आ सकती है, जिससे विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
आयोडीन की कमी के लक्षण क्या हो सकते हैं? यह जानने के लिए हमें आयोडीन के महत्व को समझना आवश्यक है। थायरॉयड ग्लैंड के संचार में कमी के कारण हम निम्नलिखित लक्षणों का सामना कर सकते हैं:
- थकान: आयोडीन की कमी से शरीर के ऊर्जा का स्तर घट सकता है, जिससे व्यक्ति में अत्यधिक थकान महसूस होती है।
- वजन में बढ़ोतरी: थायरॉयड हार्मोन के संचार में कमी के कारण व्यक्ति का वजन बढ़ सकता है, और वह आसानी से वजन घटाने में समर्थ नहीं होता।
- स्तन के उत्सर्जन में समस्या: आयोडीन की कमी के कारण महिलाओं में स्तन से दूध के उत्सर्जन में समस्या हो सकती है।
- मानसिक समस्याएं: थायरॉयड हार्मोन की कमी के कारण व्यक्ति में डिप्रेशन, अवसाद और अधिक चिंता की स्थिति हो सकती है।
- स्तन के विकार: आयोडीन की कमी के कारण स्तन के विकार भी हो सकते हैं, जैसे कि गठिया या घाव।
आयोडीन की कमी के लक्षणों को समझकर हमें यह भी पता चलता है कि आयोडीन की महत्वपूर्णता क्या है। इसलिए, इसे अपने आहार में सम्मिलित करना अत्यंत आवश्यक है।
आइये अब जानते हैं कि आयोडीन के स्रोत क्या हो सकते हैं। Sources of Iodine
आयोडीन का प्रमुख स्रोत नमक होता है। नमक में आयोडीन की समाप्त मात्रा होती है, और इसलिए इसे अपने आहार में शामिल करना आवश्यक है। साथ ही, समुद्री फल, सब्जियां और दलहन जैसे खाद्य पदार्थ भी आयोडीन के उत्तम स्रोत होते हैं। इनके अलावा, आयोडीन की दूसरी अच्छी स्रोत गाजर, खुबानी, आलू, फूलगोभी, और आम भी होते हैं।
आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए आपको अपने आहार में उपरोक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। साथ ही, डॉक्टर की सलाह लेकर आयोडीन के सप्लीमेंट्स का भी सेवन कर सकते हैं। आखिरकार, हम यह समझ चुके हैं कि आयोडीन हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, सही आहार, नियमित व्यायाम, और डॉक्टर की सलाह का पालन करके हम आयोडीन की कमी से बच सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।