हिमालय के क्षेत्र हमेशा से भूकंप ( Earthquake ) के लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाते हैं। हिमालय में अक्सर भूकंप के झटके ( Earthquake shocks ) आते रहते हैं, लेकिन जब कभी भूकंप भयानक शक्ल अख्तियार करता है तो तबाही बड़ी होती है। भूकंप आना पृथ्वी की भूगर्भीय गतिविधियों का एक भाग है, जो कभी भी कहीं भी आ सकता है। यदि आप यह सोचते हैं कि जहां आप रहते हैं वो इलाका भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील नहीं है, तो आप गलत हैं। भूकंप तब आता है जब पृथ्वी के नीचे की सतह पर मौजूद प्लेटें, जिन्हें टेक्टाॅनिक्स ( Tectonics ) कहते हैं, खिसकती हैं। और टेक्टनाॅनिक कहीं भी खिसक सकती हैं या आपस में टकरा सकती हैं। इसलिए आपको हमेशा पता होना चाहिये कि भूकंप आने पर क्या करना चाहिये।
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भूकंप आने से पूर्व क्या करना चाहिये
- भूकंप के लिए हमेशा और हर वक्त तैयार रहना चाहिये। घर बनवाते वक्त हमेशा भूकंप की दृष्टि से मजबूत घर बनवाना चाहिये, ताकि भूकंप आने पर घर पर ज्यादा असर नहीं पड़े।
- घर में इस प्रकार का सामान रखें कि आपदा के वक्त आप आसानी से बाहर निकल सकें। यह नियम आॅफिस में भी लागू होता है।
- घर में फस्र्ट ऐड किट हमेशा तैयार रखनी चाहिये।
जब भूकंप आये
- जैसे ही आपको भूकंप के झटके महसूस हों, वैसे ही आप किसी मजबूत टेबल के नीचे बैठ जायें और कस कर पकड़ लें।
- जब तक झटके जारी रहें, तब तक एक ही जगह बैठे रहें। या जब तक आप सुनिश्चित न कर लें कि आप सुरक्षित ढंग से बाहर निकल सकते हैं।
- बड़ी अलमारियों से दूर रहें, यदि वो आपके ऊपर गिर गई तो आप चोटिल हो सकते हैं।
- यदि आप ऊंची इमारत में रहते हैं तो खिड़की से दूर रहें।
- यदि आप बिस्तर पर हैं तो वहीं रहें और उसे कसकर पकड़ लें। अपने सिर पर तकिया रख लें।
- यदि आप बाहर हैं तो किसी खाली स्थान पर चले जायें, यानी बिल्डिंग, मकान, पेड़, बिजली के खंभों से दूर।
- यदि आप उस समय कार चला रहे हैं तो कार धीमी करें और एक खाली स्थान पर ले जाकर पार्क कर दें। तब तक कार में बैठे रहें, जबतक झटके खत्म न हो जायें।