जी हाँ दोस्तों , क्या आपके घर में भी हो रही है सीलन या आप भी सीलन की समस्या से परेशान हैं ? हम में से अधिकतर दीवारों और घरों में होने वाली सीलन को बहुत ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं , लेकिन यह कई परेशानियां दे सकती हैं। हम जब घर बनाते हैं , तो उसमे काफी रुपया खर्च करते हैं , वहीँ घर को आकर्षक बनाने में भी काफी रुपया और समय खर्च होता है। ऐसे में घर में सीलन के कारण हमारी दीवारों को काफी नुक्सान पहुंचता हैं। दीवारों पर किया गया प्लास्टर उखाड़ने लगता हैं , वहीँ दीवारों पर किया गया पेंट भी खराब हो जाता है। जिसके कारण हमारा खर्च किया रुपया बर्बाद हो जाता है। इसके साथ ही घर में सीलन के कारण हमारे स्वास्थय पर भी इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। बारिश का मौसम आते ही हमारे घरों में सीलन की समस्या बढ़ जाती है। दीवारों पर गीले धब्बे, पेंट का उखड़ना और घर में अजीब सी गंध – ये सब सीलन के लक्षण हो सकते हैं। सीलन न केवल घर की सुंदरता को खराब करती है, बल्कि यह सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकती है। आइए जानें कि सीलन क्यों होती है, इसके नुकसान क्या हैं, और इसे कैसे रोका जा सकता है।
सीलन कैसे होती है ?
सीलन वह स्थिति होती है जब दीवारों, फर्श या छत पर नमी जमा हो जाती है। यह नमी धीरे-धीरे दीवारों के अंदर तक पहुंच जाती है और वहां फंगस या काई (mold) उगाने लगती है। यह स्थिति विशेष रूप से उन घरों में होती है जहां वेंटिलेशन (हवा का आवागमन) की कमी होती है या जहां पानी का रिसाव होता है।
दीवारों पर होने वाली सीलन
सीलन के क्या कारण होते हैं ?
बारिश के पानी का रिसाव: सीलन का एक मुख्य कारण घर की दीवारों या छत में दरारें होने पर बारिश का पानी अंदर घुस जाना होता है। इससे घर की दीवारें गीली हो जाती हैं और सीलन की समस्या पैदा होती है।
घर में वेंटिलेशन की कमी: दूसरा कारण जब घर के अंदर हवा का पर्याप्त आवागमन नहीं होता, तो नमी का स्तर बढ़ जाता है। यह नमी दीवारों में जमा होकर सीलन का रूप ले लेती है।
पानी की पाइपलाइन में लीकेज : घर की पानी की पाइपलाइन में लीकेज भी एक मुख्य कारण होता है। लीकेज होने पर पानी दीवारों में रिसने लगता है, जिससे सीलन की समस्या हो जाती है।
पानी की सही निकासी न होना : घर के आसपास सही ढंग से पानी की निकासी न होने पर भी दीवारों में नमी जमा हो जाती है। आमतौर पर देखा जाता है कि लोग अपने घरों पर तो खूब खर्चा करते हैं , उसको अंदर से बहुत सजा कर रखते हैं , लेकिन घर के बाहर बरसाती पानी की निकासी का कोई बेहतर प्रबंध नहीं करते हैं , इससे यह पानी रिस कर घरों में सीलन पैदा करता है।
पुराना भवन एवं दीवारों का होना : पुराना भवन एवं दीवारों का होना भी सीलन की समस्या का एक कारण होता है क्योंकि इनमें अक्सर पानी का बहाव सही नहीं होता और दीवारों में दरारें आ जाती हैं।
सीलन के कारण होने वाले नुकसान
सीलन से न केवल घर की खूबसूरती खराब होती है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बनती है।
- स्वास्थ्य पर असर: सीलन से फंगस (mold) और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो एलर्जी, अस्थमा और अन्य श्वसन समस्याओं का कारण बन सकते हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह बेहद खतरनाक हो सकता है। अगर घर में सीलन हो रही है , तो यह कई खतरनाक कीटाणुओं , जीवाणुओं को जन्म देने के साथ ही बीमारियों को भी जन्म देता है . आमतौर पर लोगों में आज कल लोगों में दाद , खाज , खुजली , एलर्जी की समस्याएँ बढ़ गयी हैं , ऐसे में सीलन एक बड़ा कारण हो सकता है , जो इनको आगे बढ़ने में मदद करता है।
- दीवारों की मजबूती पर असर: सीलन के कारण घर की दीवारें कमजोर हो जाती हैं। अगर लंबे समय तक हम इसे नजरअंदाज करते हैं तो दीवारें दरकने या गिरने का खतरा बढ़ जाता है।
- फर्नीचर और अन्य सामान का नुकसान: सीलन के कारण लकड़ी का फर्नीचर, कपड़े और अन्य सामान भी खराब हो सकते हैं। लकड़ी फूली हुई दिखने लगती है और कपड़ों में गंध आने लगती है।
- बिजली का खतरा: सीलन के कारण दीवारों में लगे इलेक्ट्रिकल वायरिंग पर भी असर पड़ सकता है, जिससे शॉर्ट सर्किट या आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
दीवारों पर सीलन के कारण निकली पपड़ी
सीलन से बचाव के उपाय
अब जब हम सीलन के कारण और उसके नुकसान समझ चुके हैं, तो आइए जानते हैं कि इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।
अच्छा वेंटिलेशन: घर के अंदर हवा का सही आवागमन होना बहुत जरूरी है। नियमित रूप से खिड़कियां खोलें ताकि ताजी हवा घर में आ सके। बाथरूम और किचन में एग्जॉस्ट फैन लगाना भी फायदेमंद होता है।
वाटर प्रूफिंग: दीवारों, छत और फर्श को वॉटरप्रूफिंग करवाएं। खासकर बारिश के मौसम से पहले वॉटरप्रूफिंग करवा लेना चाहिए ताकि पानी अंदर न घुस सके।
दरारों की मरम्मत: दीवारों या छत में अगर दरारें हों, तो उन्हें तुरंत भरवाएं। इसके लिए अच्छे गुणवत्ता वाले सीमेंट या अन्य वॉटरप्रूफिंग सामग्री का उपयोग करें।
लीकेज की जांच: समय-समय पर घर की पाइपलाइन की जांच करवाएं। अगर कहीं पानी का रिसाव हो रहा हो, तो उसे तुरंत ठीक करवाएं।
दीवारों का रखरखाव: दीवारों पर पेंटिंग करवाते समय ध्यान दें कि वह अच्छी गुणवत्ता का हो और उसमें वॉटरप्रूफिंग के गुण हों। यह दीवारों को नमी से बचाने में मदद करता है।
डिह्यूमिडिफायर का उपयोग: अगर घर में नमी ज्यादा है, तो डिह्यूमिडिफायर का उपयोग करें। यह उपकरण हवा से नमी को सोख लेता है और सीलन की समस्या को कम करता है। इससे जहाँ एक तरफ आपकी सीलन की समस्या भी काम होगी वहीँ दूसरी तरफ यह आपकी हवा को भी शुद्ध रखेगा।
मेरे साथ यह क्या हुआ – तो दोस्तों , मैं खुद भी इस समस्या से काफी त्रस्त हो चुका था। अभी हाल ही में मैंने अपने पूरे घर में रंगाई – पुताई का काम करवाया था जिस पर मैंने लाखों रूपये खर्च किये। पुताई के लिए मुझे advice दी गयी की आप बरसात का सीजन ख़त्म होने के साथ ही शुरू करवा दें , जिससे Autum सीजन की शुरुआत में आयी धुप के साथ पुताई सही से हो जायेगी। मैंने पुताई में मार्किट में उपलब्द्ध बेहतरीन Dampproof Paints का इस्तेमाल किया। लेकिन वह पेंट मात्र 4 महीनों में ही सीलन के कारण निकलने लग गया। Painter से भी संपर्क करने पर वही रटा रटाया जवाब मिला कि सीलन को रोकने का कोई ठोस उपाय तो है ही नहीं। अब ऐसे में मेरे रुपयों का तो नुक्सान हुआ ही , साथ ही सीलन की समस्या भी जस की तस बनी रही।
तो ऐसे में मेरे रिश्तेदार जो स्वयं भी IIT मुंबई से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में पीएचडी हैं , उन्होंने मुझे Dehumidifier लगाने का सुझाव दिया , जिसके बाद मैंने अपने घर के लिए एक Dehumidifier मंगवाया , और इस बार की बरसात में जहाँ humidity का लेवल 97 -98 के आस पास रहता था , वह घटकर 72 -75 के लेवल पर आ गया। इस प्रकार काफी हद तक हमने सीलन की समस्या से निजात पा लिया। आप नीचे दिए गए लिंक में मेरे खुद के वीडियो से इस product के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कौन सा डिह्यूमिडिफायर लेना सही रहेगा ?
फिलहाल मैंने तो एडवांस Advance Dehumidifier को purchase किया हैं। इसका detailed वीडियो मैंने बनाया है , जिसको आप नीचे दिए लिंक में क्लिक करके देख सकते हैं। इस Advance Dehumidifier की सबसे बड़ी खासियत यह हैं की यह बहुत काम बिजली के खर्चे पर अपना काम करता है। मात्र 3 -4 घंटों में यह अपने water collection container में पानी एकत्र कर लेता है। इसके साथ ही यह हवा को भी साफ़ करने का काम करता है। यह आपको विभिन्न प्रकार के घातक वायरस और जीवाणुओं से भी बचाता है , साथ ही humidity के लेवल को maintain करके यह आपको एलर्जी की बिमारी , अस्थमा , और अन्य श्वशन सम्बन्धी बीमारियों को होने से रोकता है। इसका एक महत्वपूर्ण फीचर यह है कि यह इसके टैंक को पूरा भरने के बाद स्वयं ही ऑटो कट ऑफ हो जाता है , जिससे आपकी ऊर्जा की भी बचत होती है। साथ ही टैंक के पूरा भरने के साथ ही एक पाइप के माध्यम से भी आप इसके द्वारा इक्कठा किये पिने को ड्रेन कर सकते हैं . अगर आपको यह प्रोडक्ट खरीदना है तो आप नीचे दिए प्रोडक्ट लिंक में क्लिक करके इसको खरीद सकते हैं।
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